Turkey Earthquake: भूकंप को लेकर बेहद संवेदनशील माना जाता रहा है तुर्की, भारत में किन हिस्सों पर मंडराता है ये खतरा?
High Risk Earthquake Zone in India: वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो तुर्की को भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. हजारों सालों से तुर्की भूकंप का सामना करता आ रहा है. जानिए भारत में कौन से हिस्सों को हाई रिस्क भूकंप जोन में रखा गया है.
भूकंप को लेकर बेहद संवेदनशील माना जाता रहा है तुर्की, भारत में किन हिस्सों पर मंडराता है ये खतरा?
भूकंप को लेकर बेहद संवेदनशील माना जाता रहा है तुर्की, भारत में किन हिस्सों पर मंडराता है ये खतरा?
Turkey-Syria Earthquake: तुर्की-सीरिया में भूकंप के कारण जो हालात पैदा हुए हैं, उसने पूरी दुनिया को दहला दिया है. इस भूकंप के चलते हजारों इमारतें जमींदोज हो गईं, 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी अज्ञात संख्या में लोग फंसे हुए हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो तुर्की को भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. हजारों सालों से तुर्की भूकंप का सामना करता आ रहा है. ऐसे क्षेत्रों को हाई रिस्क भूकंप जोन (High Risk Earthquake Zone) में रखा जाता है. भारतीय मानक ब्यूरो यानी कि BIS ने भारत में भी कुछ हिस्सों को भूकंप जोन में बांटा है, इन्हें हाई रिस्क सिस्मिक जोन (High Risk Seismic Zone) कहा जाता है. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में.
पहले जानें क्या होता है सिस्मिक जोन (What is Seismic Zone)
सिस्मिक जोन का मतलब है उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र यानी वो जगह जहां भूकंप आने की आशंका बहुत ज्यादा होती है. भारत में भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे 2 से लेकर 5 तक के जोन में बांटा गया है. इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक सिस्मिक जोन 5 है, जहां आठ से नौ तीव्रता वाले भूकंप के आने की आशंका रहती है. भारत का करीब 11 फीसदी हिस्सा 5वें जोन में आता है. 18 फीसदी चौथे और 30 फीसदी तीसरे जोन में आता है. बाकी बचे हिस्से पहले और दूसरे जोन में आते हैं.
किस आधार पर निर्धारित होता है जोन (How is Seismic Zone decide)
एरिया के स्ट्रक्चर के आधार पर इलाके को भूकंप की दृष्टि से खतरनाक और कम खतरनाक जोन में विभाजित किया जाता है. बढ़ती आबादी और तेजी से बनती ऊंची इमारतों के कारण दिल्ली-एनसीआर भूकंप की दृष्टि से और भी खतरे के घेरे में रखा गया है.
किस जोन में देश का कौन सा हिस्सा (Which part of the country is included in which zone)
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Seismic Zone 5: सिस्मिक जोन 5 को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इसमें देश का पूरा पूर्वोत्तर इलाका, जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा, हिमाचल प्रदेश का कुछ हिस्सा और उत्तराखंड के कुछ इलाके, गुजरात का कच्छ, उत्तर बिहार और अंडमान निकोबार द्वीप भी इसी जोन में शामिल है.
Seismic Zone 4: इसे भी काफी खतरनाक माना जाता है. जोन 4 में भूकंप की तीव्रता 7.9 से 8 तक हो सकती है. दिल्ली, एनसीआर के इलाके, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाके, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल का उत्तरी इलाका, गुजरात का कुछ हिस्सा और पश्चिम तट से सटा महाराष्ट्र और राजस्थान का इलाका आता है.
Seismic Zone 3: इसमें भूकंप की तीव्रता सात या उससे कम होती है. केरल, गोवा, लक्ष्दीप, यूपी, गुजरात और पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाके इस जोन में आते हैं. चेन्नई, मुंबई, भुवनेश्वर, कोलकाता और बेंगलुरु को भी जोन 3 में रखा गया है.
Seismic Zone 2: जोन 2 को बेहद कम खतरनाक जोन माना जाता है. यहां 4.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है.राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु आदि का कुछ हिस्सा सिस्मिक जोन 2 में आते हैं. थिरुचिरापल्ली, बुलंदशहर, मुरादाबाद, गोरखपुर, चंडीगढ़ जैसे शहरों को भी इसी जोन में रखा गया है.
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10:52 AM IST